शादी के बाद आए दिन पति पत्नी के बीच झगड़े हो ना तो एक आम बात है, पति पत्नी का रिश्ता ही ऐसा होता है कि उसमे पल भर में प्यार पल भर में आपस मे टकरार हो जाती है, क्योंकि जहां दो व्यक्ति आपस में जीवन भर साथ में रहेंगे तो आपस मे उनके विचार भी टकरेंगे, ऐसे में ज्यादातर शादीशुदा जोड़े तो आपस में सामंजस्य बिठाने में सफल हो जाते हैं परंतु उनमें से कुछ ऐसे भी होते हैं जिनके छोटे-छोटे झगड़े आगे जा कर बहुत बड़ा रूप ले लेते हैं! और ऐसी स्थिति में नौबत यहां तक आ जाती है कि दोनों के बीच दूरियां काफी बढ़ जाती हैं और एक दूसरे के साथ रहना संभव नहीं हो पाता है तथा दोनों अलग अलग रहना प्रारंभ कर देते हैं।
अलग-अलग रहते हुए उनको काफी समय भी हो जाता है जिसमे एक दुसरे की सकल तो देखना दूर वो आपस मे फोन पर बातें तक नही करते हैं परन्तु इतना लंबा मानव जीवन है जो की अकेले रहकर तो नहीं काटा जा सकता क्योंकि आगे भविष्य है भविष्य मे जीने की कोई वजह होती है जो की पति-पत्नी और बच्चों के बिना अधूरी होती है ऐसे में पति हो या पत्नी हो दोनो के मन में यह सवाल जरूर आता है कि वह पुरानी रिश्ते को पीछे छोड़ दूसरी शादी कर के नये जीवन की शुरुवात करें और अपना भविष्य सुधारें, वहां पर कभी-कभी ऐसी स्थिति आ जाती है जब पार्टनर आपस मे बात करने को तैयार नही है की एक दूसरे को तलाक देने के लिए भी तैयार नहीं होते चाहे अब इसके पीछे कोई भी कारण हो।
इसमे पति या पत्नी में से कोई एक ऐसी डिसीजन ले लेता है कि वह बिना तलाक लिए दूसरी शादी कर ले जो की कानूनी रूप से सही नही है, अगर कोई शादीशुदा पत्नी या पति हो वो अपने पुरे जीवन काल में बिना एक दुसरे से तलाक़ लिए दूसरी शादी करते हैं तो यह भारतीय दंड सहिंता में एक अपराध है।
दूसरी शादी करने पर कितने साल की सजा है?
ऐसी शादी करने वाला IPC की धारा 494 के अंतर्गत अपराधी होता है, जो भी व्यक्ति इस प्रकार का कृत करेगा उस यक्ति को सात साल तक की जेल अथवा आर्थिक दंड से दण्डित किया जा सकता है। ऐसी स्थति मे जो कोई भी अपने पति या पत्नी के जीवित रहते हुए विवाह करेगा ऐसा कोई भी विवाह मान्य नही होगा ।
बिना तलाक के दूसरी शादी कब की जा सकती है?

IPC की धारा 494 के भी कुछ अपवाद हैं जिनमे कुछ निम्नलिखित बिन्दुओं पर प्रकाश डाल रहा हूँ:-
जहाँ पर किसी सक्षम क्षेत्राधिकार न्यायालय द्वारा ऐसे मामले से समबन्धित किसी विवाहित जोड़े के विवाह को अपने आदेश से शून्य घोषित किया हो।
जहाँ पर पति या पत्नी में से कोई एक 7 वर्ष के समय से अधिक समय तक लगातार ही अनुपस्थित हो।
जहाँ पर पति या पत्नी में से किसी एक की 7 वर्ष के समय से अधिक समय तक जिन्दा होने की कोई जानकारी उपलब्ध ना हो।
तो ऐसे स्थति में पति या पत्नी तलाक लिये बिना दूसरी शादी कर सकते हैं और ऐसा करना जुर्म नहीं माना जायेगा।